आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के परिवार का निर्माणाधीन मॉल को प्रवर्तन निदेशालय (ED)ने सील कर दिया है. आय से अधिक संपत्ति मामले में कोर्ट के आदेश पर यह कार्रवाई की गई. लालू का ये मॉल पटना के बेली रोड स्थित सगुना रोड पर बन रहा था. 750 करोड़ की लागत से तीन एकड़ (115 कट्ठा) जमीन पर बन रहा यह मॉल बिहार का सबसे बड़ा मॉल माना जा रहा था. हालांकि इस जमीन को ईडी ने पिछले साल ही 9 दिसंबर को ही अंतरिम रूप से जब्त कर लिया था.
जब मॉल बना मुसीबत
लेकिन मंगलवार को निर्माणाधीन साइट के बाहर ईडी की टीम द्वारा जब्ती का नोटिस चस्पा करते ही लालू परिवार आय अधित संपत्ति मामले को लेकर एक बार फिर चर्चा में आ गया है. 750 करोड़ की लागत से इस मॉल का मालिकाना हक के बारे में खुलासा हुआ तो सब सन्न रह गए. क्योंकि वैसे तो लालू हमेशा से खुद को गरीबों का मसीहा बताते आए हैं. इस खुलासे के साथ ही लालू परिवार बैकफुट पर आ गया था. यह वही जमीन है जिसे लेकर लालू प्रसाद के खिलाफ सीबीआई, आयकर विभाग और ईडी ने अलग-अलग केस दर्ज कर रखा है.
लालू परिवार तक ऐसे पहुंची जमीन
ये जमीन वैसे तो करोड़ों की है. जिसपर लालू परिवार का मॉल बन रहा था, लेकिन राजनीति रसूख कहें या कुछ और, ये जमीन महज 65 लाख रुपये में लालू परिवार को मिल गई. इसके पीछे बड़ी कहानी है. यह जमीन कभी मशहूर होटल व्यवसायी विनय कोचर और विजय कोचर की थी, जिसे कोचर बंधुओं ने आरजेडी के राज्यसभा सदस्य प्रेमचंद गुप्ता की पत्नी सरला गुप्ता की कंपनी डिलाइट मार्केटिंग प्राइवेट लिमिटेड को मात्र 65 लाख रुपये में दे दी थी.
लेकिन सब कुछ तो लालू परिवार को फायदा पहुंचाने के लिए हो रहा था, इसलिए बाद में सरला गुप्ता की कंपनी डिलाइट मार्केटिंग ने इस जमीन को लालू प्रसाद परिवार से जुड़ी कंपनी लारा एलएलपी प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के नाम कर दी गई. इसके बाद पता चला कि लारा एलएलपी प्राइवेट लिमिटेड कंपनी लालू प्रसाद की पत्नी राबड़ी देवी और उनके दोनों बेटों तेज प्रताप यादव और तेजस्वी यादव के नाम पर है. यानी जमीन मशहूर होटल व्यवसायी कोचर बंधुओं से होती हुई लालू परिवार तक पहुंच गई.
3 एकड़ में बन रहा था मॉल
वैसे तो ईडी ने इस जमीन को पिछले साल ही 9 दिसंबर को जब्त कर लिया था. ईडी ने खुलासा किया था इस जमीन पर लालू प्रसाद के दोनों बेटे तेजप्रताप और तेजस्वी 750 करोड़ रुपये की लागत से बिहार के सबसे बड़े मॉल का निर्माण करा रहे थे. ईडी सूत्रों ने इसके तार लालू यादव के रेलमंत्री रहते हुए कार्यकाल से जोड़ दिया, लालू पर रेलवे के रांची और पुरी स्थित दो हेरिटेज होटलों को विजय कोचर और विनय कोचर को लंबी लीज पर दिए जाने के एवज में बेली रोड पर तीन एकड़ लेने का आरोप लगा.
जैसे-जैसे इस जमीन को लेकर जांच बढ़ती गई, कई बड़े खुलासे हुए. जमीन पर बिहार का सबसे बड़ा मॉल बन रहा था, तो इसपर विपक्ष की भी नजर थी. खासकर बीजेपी नेता सुशील कुमार मोदी आए दिन इस मामले को लेकर तरह-तरह के खुलासे कर रहे थे. और लालू परिवार घिरता जा रहा था. क्योंकि इस मामले का जब खुलासा हुआ था बिहार में जेडीयू-आरजेडी की सरकार थी. ऐसे में लगातार नीतीश कुमार के सुशासन पर सवाल उठ रहे थे. सुशील मोदी ने बताया था कि साल 2017 में इस जमीन का सर्किल रेट 44.7 करोड़ रुपये है, लेकिन इसे लालू यादव की कंपनी लारा प्रोजेक्ट ने वर्ष 2005-06 में महज 65 लाख रुपये में खरीदी थी.
सुशील मोदी ने खोला था मोर्चा
बता दें, बीजेपी नेता और बिहार के वर्तमान डिप्टी सीएम सुशील मोदी एक और खुलासा किया था. तब उन्होंने इस जमीन पर मॉल बनने का काम शुरू होते ही इसकी मिट्टी 90 लाख रुपये में बिहार सरकार के पर्यावरण और वन विभाग को बेचने का आरोप लगाया था. इस मामले में ईडी तेजस्वी और राबड़ी से पूछताछ भी की. लालू के बड़े बेटे तेजप्रताप पर अपने परिवार के मालिकाना हक वाले मॉल की मिट्टी को सरकारी विभाग को बिना टेंडर ही बेचने का आरोप लगा. बीजेपी नेता सुशील मोदी ने आरोप लगाया था कि मॉल की मिट्टी संजय गांधी जैविक उद्यान में बिना टेंडर के ही डाली गई और 90 लाख रुपये की कमाई की गई.
जांच बढ़ते ही लालू परिवार की मुसीबत बढ़ी
बिहार का सबसे बड़े निर्माणाधीन पर मॉल पर जब पिछले साल मई में पर्यावरण विभाग की नजर पड़ी तो विभाग की ओर से तुरंत निर्माण पर रोक का फरमान जारी कर दिया गया. इसका कारण यह बताया गया था कि मॉल बनाने से पहले पर्यावरण विभाग से मंजूरी नहीं ली गई थी. इसी बीच सीबीआई ने पूरे मामले की जांच शुरू की और राबड़ी देवी के आवास पर छापेमारी भी की. इसके बाद यह मामला ईडी के पास चला गया और प्रीवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) के तहत अवैध संपत्ति के खिलाफ कार्रवाई करने की प्रक्रिया शुरू हो गई.
कुछ ऐसा होता मॉल
खबरों की मानें तो आरजेडी के विधायक अबु दोजाना की कंपनी ही इस पर मॉल का निर्माण करवा रही थी. खबरों की जरिये पता चला कि ये 12 मंजिला मॉल बनने था. जिसमें 2 बेसमेंट सहित इस मॉल में 5 स्टार होटल, मल्टीप्लेक्स, शॉपिंग मॉल, ऑफिस टॉवर और करीब एक हजार दुकानें बननी थीं.