चंडीगढ़19(राहुल शर्मा )श्री गुरु नानक देव जी के प्रकाश उत्सव पर केंद्र सरकार ने देश के किसानों को तोहफा देते हुए केंद्र के तीनों किसी कारों को वापस लेने की घोषणा कर दी है इससे पहले केंद्र सरकार ने पंजाब में करतारपुर कॉरिडोर खोलकर पंजाब की सिख संगत को तोहफा दिया था।
हालांकि यह तीनों कृषि कानून आगामी विंटर सेशन में वापस ले जाएंगे लेकिन प्रधानमंत्री मोदी ने पंजाब के लोगों को तोहफे के रुप में राहत देते हुए यह घोषणा को पूरा वाले दिन की है। दूसरी तरफ केंद्र सरकार के इस फैसले को आगामी चुनावों के लिए मास्टर स्ट्रोक माना जा रहा है। पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने इस फैसले के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का धन्यवाद किया है।
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा तीनों कृषि कानून वापस लिए जाने के फैसले के बाद सिंघु कुंडली बॉर्डर पर जश्न का माहौल है। अहम बात यह भी है कि पीएम मोदी ने इसके लिए गुरुपर्व का दिन चुना। जिस वक्त पूरा सिख समाज पहले पातशाही गुरू नानक देव जी के प्रकाश पर्व की खुशियां मना रहा था। उसी बीच यह ऐलान होने से सिख समाज से भावनात्मक रूप से जुड़ने की कोशिश की गई है।
बता दे कि पंजाब में कृषि कानूनों की वजह से भाजपा के लिए बहुत मुश्किल माहौल बन गया था। लगभग 14 महीने से किसान कानूनों का विरोध कर रहे थे। पंजाब में भाजपा के नेताओं को प्रचार तो दूर मीटिंग तक करने में दिक्कत आ रही थी। ऐसे में यह जरूरी बन गया था कि कानून रद्द हों, क्योंकि इसके बिना भाजपा को बड़ा राजनितिक नुकसान हो सकता था।
यह भी बताने योग्य है कि पंजाब में कुल 117 विधानसभा सीटें हैं। इनमें से 40 अर्बन, 51 सेमी अर्बन और 26 रूरल सीटें हैं। रूरल के साथ सेमी अर्बन विधानसभा सीटों पर किसानों का वोट बैंक हार-जीत का फैसला करता है। ऐसे में पंजाब चुनाव से पहले भाजपा के लिए कानून वापस करने मजबूरी बन चुके थे।