भारतीय टीम के पूर्व कप्तान महेन्द्र सिंह धोनी ने कहा कि उन्हें नहीं पता कि पिता बनने के बाद क्रिकेटर के तौर पर उनमें कोई बदलाव आया है कि नहीं, लेकिन बेटी जीवा के जन्म के बाद एक इंसान के तौर वह काफी बदल गए हैं. IPL में चेन्नई सुपरकिंग्स को चैंपियन बनाने वाले 37 साल के इस दिग्गज ने कहा, ‘मुझे नहीं पता कि इससे क्रिकेटर के तौर पर मुझ में कोई बदलाव आया है कि नहीं, लेकिन एक व्यक्ति के तौर पर जरूर बदलाव आया है क्योंकि बेटियां पिता के काफी करीब होती हैं.’ उन्होंने कहा, ‘मेरे मामले में समस्या तब हुई थी जब जीवा का जन्म हुआ था और मैं वहां नहीं था (तीन साल पहले). मैं ज्यादा समय क्रिकेट खेलता था और वह जब भी गलती करती तो उसे मेरा नाम लेकर डराया जाता था. धोनी ने कहा, ‘जीवा जब खाना नहीं खाती थी तो उसे कहा जाता था, पापा आ जाएंगे खाना खालो. वह कुछ गलती करती तो कहा जाता कि पापा आ जाएंगे ऐसा मत करो. इसलिए एक तरह से वह मुझे देखकर थोड़ा पीछे हट जाती थी.’ सैनी के सेलेक्शन पर गंभीर का बेदी-चौहान पर ‘हमला’- जताया शोक! जीवा को इस साल आईपीएल ...
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कार्तिक का बड़ा बयान- मैंने धोनी के लिए अपनी जगह गंवाई, गम नहीं
महेंद्र सिंह धोनी जिस दौर में विकेटकीपर बल्लेबाज की भूमिका की नई परिभाषा गढ़ रहे हों, ऐसे में दिनेश कार्तिक जैसे खिलाड़ी की राह कतई आसान नहीं होती. आखिरी बार 2010 में टेस्ट खेलने वाले कार्तिक इतने समय आत्ममंथन के बाद बेबाकी से आकलन करते हुए कहते हैं कि धोनी जैसे विलक्षण खिलाड़ी के रहते उनके लिए टीम में जगह बनाना आसान नहीं था. उन्होंने अफगानिस्तान के खिलाफ टेस्ट से पहले कहा,‘ मैं लगातार अच्छा प्रदर्शन नहीं कर सका. प्रतिस्पर्धा बहुत अधिक थी और एमएस धोनी जैसी खिलाड़ी से प्रतिस्पर्धा थी. वह भारत के सर्वश्रेष्ठ क्रिकेट कप्तानों में से एक बने और विश्व क्रिकेट पर अपने प्रदर्शन की छाप छोड़ी.’ चोटिल ऋद्धिमान साहा के विकल्प के तौर पर आए कार्तिक ने बांग्लादेश के खिलाफ 2010 में अपने करियर का 23वां टेस्ट खेला था. उसके बाद से भारतीय टीम ने 87 टेस्ट खेले, जिनमें कार्तिक टीम में नहीं थे. कार्तिक ने कहा ,‘मैंने अपना स्थान किसी आम क्रिकेटर को नहीं गंवाया. धोनी खास थे और मैं उनका बहुत सम्मान करता हूं. उस समय मैं लगातार अच्छा प्रदर्शन भी नहीं कर सका. अब मुझे एक और मौका मिला है और मैं अपनी ओर से पूरी कोशिश करूंगा.’ धोनी के कारण 2014 तक वह टेस्ट टीम से ...
Read More »आधे से ज्यादा ब्राजील वासियों को नहीं है वर्ल्ड कप में दिलचस्पी
फुटबॉल के दीवाने देश के लोग जब यह कहें कि उन्हें फीफा विश्व कप में रुचि नहीं है, तो हैरानी होती है. जी हां, ये सच है- गुरुवार से शुरू हो रहे इस बड़े टूर्नामेंट में 53 प्रतिशत ब्राजील के लोगों की इसमें कोई दिलचस्पी नहीं है. यह जानकारी डाटाफोल्हा सर्व ने जारी की. इसका कारण देश में भ्रष्टाचार, चरमराती अर्थव्यवस्था और ट्रकरों की हड़ताल जैसी विभिन्न समस्याएं हैं. महिलाओं में 61 प्रतिशत, 35 से 44 आयुवर्ग के लोगों में 57 प्रतिशत और दक्षिणी ब्राजील में रहने वालों में 59 प्रतिशत की विश्व कप में रुचि नहीं है. समाचार एजेंसी एफे के मुताबिक जिन लोगों से प्रतिक्रिया ली गई उनमें से सिर्फ 19 फीसदी लोगों ने कहा है कि वह फीफा विश्व कप का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं, जबकि अन्य 18 फीसदी लोगों ने कहा कि उन्हें इस टूर्नामेंट में ठीक-ठाक दिलचस्पी है. 9 फीसदी लोगों ने कहा है वह बहुत कम इस टूर्नामेंट पर ध्यान दे रहे हैं. यह सर्वे पिछले सप्ताह लिया गया था जिसमें 174 शहरों से 2,824 लोगों की प्रतिक्रियाएं ली गई थीं. सर्वे के मुताबिक विश्व कप में कई लोगों की रुचि जनवरी से कम हो गई है. तब 42 फीसदी लोगों ने कहा था ...
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