GST 2.0 – समझें नई कर प्रणाली को आसान शब्दों में

भारत में जीएसटी का अगला चरण, यानी GST 2.0, अभी कई छोटे और बड़े व्यापारियों के बीच चर्चा का विषय है। अगर आप भी सोचते हैं कि यह नया सिस्टम आपके कर के काम को आसान बनायेगा या नहीं, तो पढ़िए ये लेख। हम बिना जटिल कानूनों के भाषा में बताएँगे कि GST 2.0 में क्या नया है, आपको क्या तैयारियां करनी होंगी, और इसका सबसे बड़ा फायदा क्या हो सकता है।

GST 2.0 क्या है?

GST 2.0 बस मौजूदा जीएसटी का अपग्रेडेड वर्शन है। इसमें दो मुख्य बदलाव आए हैं – पहली बात, कर दरों को कम कर के तीन मुख्य स्लैब (5%, 12%, 18%) में बाँटा गया है, जिससे छोटे व्यापारी को कम बोझ पड़ेगा। दूसरी बात, कर रिटर्न फाइलिंग पूरी तरह से डिजिटल हो जाएगी, यानी आप मोबाइल ऐप या ऑनलाइन पोर्टल से सीधे रिटर्न जमा कर सकते हैं, बिना कागजों के झंझट के।

कैसे तैयार हों?

पहला कदम: अपना व्यापार एसेसमेंट नंबर (UIN) अपडेट करवा लें। नया पोर्टल अब आसान डैशबोर्ड देता है जहाँ आप अपनी इनवॉइस, रिवर्स चार्ज, और इनपुट टैक्स क्रेडिट एक ही जगह देख सकते हैं। दूसरा कदम: अपने अकाउंटेंट या टॅक्स कंसल्टेंट को GST 2.0 की नई नियमावली के बारे में बताएं, ताकि वह आपके अकाउंटिंग सॉफ्टवेयर को नई स्लैब के हिसाब से सेट कर सके। तीसरा कदम: नियमित रूप से पोर्टल पर लॉगिन करके अपने टर्नओवर को ट्रैक करें, ताकि कर सीमा से ऊपर न जाएँ। इस छोटे-से कदम से आप दंड या अतिरिक्त टैक्स से बच सकते हैं।

अगर आप पहली बार रिटर्न भर रहे हैं, तो एक आसान चेकलिस्ट मददगार होगी: 1) सभी बिक्री की इनवॉइस साफ़ रखें, 2) खरीदी पर मिले इनपुट टैक्स को सही से दर्ज करें, 3) मासिक रिटर्न की ड्युटी डेट याद रखें, 4) रिटर्न फाइल होने के बाद GSTR‑1 और GSTR‑3B के कन्फर्मेशन को डाउनलोड कर रखें। ये चार चीज़ें कर प्रोसेस को तेज़ और त्रुटि‑रहित बनाती हैं।

बहुत से छोटे व्यवसायी यह सोचते हैं कि नई प्रणाली बहुत जटिल होगी, पर सच में यह काफी यूज़र‑फ्रेंडली है। पोर्टल पर “ट्यूटोरियल” और “FAQ” सेक्शन दिया गया है, जहाँ आपको स्टेप‑बाय‑स्टेप वीडियो मिलेंगे। यदि आप मोबाइल पर काम करना पसंद करते हैं, तो बीएनएन मीडिया हाउस की मदद से आप इस नई प्रणाली के बारे में लाइव वेबिनार भी देख सकते हैं, जहाँ सवाल‑जवाब के माध्यम से सभी शंकाओं का समाधान मिलता है।

GST 2.0 का सबसे बड़ा फायदा छोटे व्यापारियों के लिए इनपुट टैक्स क्रेडिट का आसान दावा है। अब आप अपनी खरीदारी पर लगे टैक्स को सीधे अपने आउटपुट टैक्स से घटा सकते हैं, बिना कई फॉर्म भरने के झंझट के। इससे आपका नकदी प्रवाह बेहतर रहेगा और वित्तीय वर्ष में आपका कर बोझ कम होगा।

सारांश में, GST 2.0 एक सरल, डिजिटल और कम‑दर वाला कर ढांचा है, जो व्यापारियों को समय बचाने और टैक्स कॉम्प्लायन्स आसान बनाने के लिए बनाया गया है। सही तैयारी और पोर्टल की सुविधाओं का पूरा उपयोग करके आप अपने व्यापार को बिना किसी बाधा के चलाते रह सकते हैं। आगे बढ़ें, अपना UIN अपडेट कराएँ और नई प्रणाली के साथ अपने कर को आज ही आसान बनायें।

GST 2.0 दर घटने से कारें सस्ती: 22 सितंबर से 45,000 से 10 लाख तक की कटौती, Maruti‑Hyundai‑Tata‑Mahindra पर सीधा असर

सित॰ 9, 2025, के द्वारा प्रकाशित किया गया : अभिराज सिन्धानिया

22 सितंबर 2025 से GST 2.0 लागू होने के साथ छोटी कारों और सब-4 मीटर SUVs पर कर 28% से घटकर 18% हो गया। बड़ी गाड़ियों पर 40% GST लगेगा, लेकिन सेस हटने से कुल टैक्स नीचे आएगा। कई मॉडलों में 45,000 से 10 लाख तक की कमी दिखेगी। हाइब्रिड्स को बड़ी राहत मिली, EV पर 5% GST बरकरार रहा। कंपनियों ने कीमतें घटाने की घोषणा शुरू कर दी है।

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