लॉग इन कैसे सुरक्षित और आसान बनाएं – तुरंत टिप्स
ऑनलाइन खाते में प्रवेश करना हर दिन का काम है, लेकिन कई बार हम सही तरीका नहीं अपनाते। इस लेख में हम समझेंगे कि लॉग इन को तेज़, सुरक्षित और झंझट‑मुक्त कैसे बनाएं। छोटी‑छोटी आदतें आपके डेटा को बचा सकती हैं, तो चलिए शुरू करते हैं।
स्ट्रॉन्ग पासवर्ड और उसका प्रबंधन
सबसे पहले, पासवर्ड को जटिल बनाना ज़रूरी है। सिर्फ नाम या जन्मतिथि नहीं, बल्कि बड़े‑छोटे अक्षर, अंक और विशेष चिह्न मिलाकर 12 से अधिक अक्षर रखें। अगर याद रखने में दिक्कत हो तो पासवर्ड मैनेजर इस्तेमाल करें। ये ऐप्स आपके पासवर्ड को एन्क्रिप्टेड फॉर्म में स्टोर करते हैं और एक‑क्लिक से भर देते हैं। इससे आप कई साइटों के लिए अलग‑अलग पासवर्ड बना सकते हैं बिना किसी भूल के।
दो‑चरणीय प्रमाणिकरण (2FA) अपनाएँ
पासवर्ड के साथ एक अतिरिक्त लेयर जोड़ना सबसे प्रभावी सुरक्षा उपाय है। दो‑चरणीय प्रमाणिकरण आपके फोन या ई‑मेल पर एक कोड भेजता है, जिसे लॉग इन के समय डालना पड़ता है। गूगल ऑथेंटिकेटर, माइक्रोसॉफ्ट ऑथेंटीकेटर या एसएमएस कोड में से कोई भी इस्तेमाल कर सकते हैं। अगर आपको बार‑बार कोड नहीं चाहिए तो विश्वसनीय डिवाइस को भरोसेमंद मानकर उसे ‘सेव्ड डिवाइस’ के रूप में सेट करें।
अब बात करते हैं कुछ रोज़मर्रा की समस्याओं की और कैसे उन्हें रोकें।
फ़िशिंग ई‑मेल और नकली वेबसाइट से बचें
फ़िशिंग सबसे आम खतरा है। अक्सर आपको ऐसी ई‑मेल मिलती है जो बैंक या सोशल मीडिया का दिखती है, लेकिन लिंक पर क्लिक करने से आप नकली साइट पर पहुँच जाते हैं। ऐसे लिंक पर क्लिक करने से पहले हमेशा URL चेक करें। सुरक्षित साइटें ‘https://’ से शुरू होती हैं और बैंडिल के पास ताले का आइकन दिखता है। अगर संदेह हो तो सीधे ब्राउज़र में वेबसाइट का पता लिखें, ई‑मेल लिंक से नहीं।
एक और आसान तरीका है दो‑फ़ैक्टर वैरिफ़िकेशन को सभी प्रमुख खातों पर सेट करना – ई‑मेल, सोशल मीडिया, ई‑कॉमर्स और बैंकिंग। एक बार सेट हो जाने पर आप केवल पासवर्ड नहीं, बल्कि आपके फोन या टोकन के बिना नहीं लॉग इन कर पाएँगे।
ऑटो‑फ़िल और ब्राउज़र की सेटिंग्स को समझें
बहुसंख्यक ब्राउज़र आपके पासवर्ड को सेव करने का विकल्प देते हैं। यह सुविधा कभी‑कभी असुरक्षित हो सकती है, खासकर अगर आपके कंप्यूटर पर कई लोग काम करते हों। इसलिए, कॉम्प्युटर साझा करने वाले घरों में पासवर्ड सेव न करें। इसके बजाय, पासवर्ड मैनेजर का प्रयोग करें जो हर साइट के लिए अलग‑अलग एन्क्रिप्टेड एंट्री बनाता है।
ब्राउज़र की ‘प्राइवेसी मोड’ (इनकोग्निटो) का उपयोग करके आप इस बात को तय कर सकते हैं कि कोई साइट आपके लॉग इन डेटा को कितनी देर तक रखेगी। प्राइवेसी मोड को हर बार बंद करने पर सभी सत्र समाप्त हो जाते हैं, जिससे कोई भी पिछले सत्र का दुरुपयोग नहीं कर सकता।
सुरक्षित नेटवर्क से कनेक्ट रहें
पब्लिक वाई‑फ़ाई पर लॉग इन करना जोखिम भरा हो सकता है। अगर आप सार्वजनिक नेटवर्क पर काम कर रहे हैं, तो VPN (वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क) का उपयोग करें। VPN आपके डेटा को एन्क्रिप्ट करके सुरक्षित सर्वर के जरिए भेजता है, जिससे हैकरों के लिए ट्रैफ़िक पढ़ना मुश्किल हो जाता है। मुफ्त VPN अक्सर सीमित होते हैं, इसलिए विश्वसनीय पैडेड सेवा चुनें।
इन सरल स्टेप्स को अपनाकर आप लॉग इन प्रक्रिया को तेज़ और सुरक्षित बना सकते हैं। याद रखें, इंटरनेट पर सुरक्षा एक निरंतर प्रक्रिया है; छोटे‑छोटे बदलाव बड़े फ़र्क़ लाते हैं। अब जब आप लॉग इन करते हैं, तो अपने डिवाइस और अकाउंट को दो‑बार चेक करें, और आराम से ऑनलाइन दुनिया का आनंद लें।
आप प्रतिदिन सोशल मीडिया में कितनी बार लॉग इन करते हैं?
मार्च 13, 2023, के द्वारा प्रकाशित किया गया अभिराज सिन्धानिया
आजकल सोशल मीडिया एक ऐसी जगह है जहां हम लोग अपने दोस्तों, परिवार और अन्य लोगों से संपर्क रखते हैं और अपने हर काम को साझा करते हैं। हम प्रतिदिन सोशल मीडिया पर लॉग इन करते हैं और अपने अनुभव के बारे में अपने दोस्तों और अन्य लोगों से साझा करते हैं। आप प्रतिदिन कितनी बार सोशल मीडिया पर लॉग इन करते हैं? यह विषय आपके लिए भी जरूरी है क्योंकि आपको सोशल मीडिया पर अधिक समय न देने की आवश्यकता हो सकती है। आप अपने सोशल मीडिया खातों पर अपने दोस्तों और अन्य लोगों को आपके जीवन के बारे में अधिक जानकारी देने के लिए देख सकते हैं।
