हाइब्रिड और EV कारें: सही चुनें और बचत पाएं
आप नई कार की सोच रहे हैं और दो शब्द सुनते ही उलझन में पड़ जाते हैं – हाइब्रिड या EV? दोनों ही पर्यावरण‑मित्र हैं, लेकिन लागत, रेंज और चार्जिंग के मामले में बहुत अलग हैं। चलिए, एक‑एक करके समझते हैं कि आपके लिए कौन सी कार बेहतर रहेगी।
हाइब्रिड और EV में क्या अंतर?
हाइब्रिड कार में पेट्रोलीय इंजन और इलेक्ट्रिक मोटर दोनों होते हैं। जब आप धीमी गति से चला रहे होते हैं या ट्रैफ़िक में फँसे होते हैं, तो मोटर ही चलती है और बैटरी चार्ज होती है। हाईवे पर या तेज रफ़्तार पर पेट्रोल इंजन मदद करता है, इसलिए रेंज की कोई बड़ी समस्या नहीं होती। दूसरी तरफ, पूरी‑इलेक्ट्रिक (EV) कार सिर्फ बैटरी और मोटर से चलती है। इसमें फ्यूल टैंक नहीं, इसलिए कोई पेट्रोल नहीं, लेकिन आपको चार्जिंग इंफ़्रास्ट्रक्चर की ज़रूरत पड़ेगी।
हाइब्रिड कारों की शुरुआती कीमत अक्सर EV से कम होती है, और रिफ़्यूलिंग की चिंता नहीं रहती। वहीं EV में रख‑रखाव कम है—ऑयल बदलना नहीं, ब्रेक पेडलिंग कम—और दीर्घकाल में बिजली की कीमत पेट्रोल से सस्ती पड़ती है।
सही कार चुनने के लिए जरूरी बातें
1. ड्राइविंग रूट – अगर आपके रोज़ाना का रास्ता 30‑40 किमी के भीतर है और घर‑ऑफ़िस के बीच चार्जिंग पॉइंट हैं, तो EV आपके लिए फिट है। अगर अक्सर लंबी दूरी तय करनी पड़ती है, तो हाइब्रिड अधिक भरोसेमंद रहेगा।
2. बजट – शुरुआती कीमत देखिए, लेकिन जीवन‑कालिक खर्च को भी ध्यान में रखें। EV की खरीद कीमत थोड़ा ऊपर हो सकती है, पर चार्जिंग की लागत और मेंटेनेंस कम होते हैं, जिससे कुल मिलाकर बचत हो सकती है।
3. इन्फ्रास्ट्रक्चर – आपका मोहल्ला या ऑफिस में घर‑पर चार्जर लगवाने की सुविधा है या नहीं, ये देखिए। कई नगरों में सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशन बढ़ रहे हैं, पर अभी भी शहर के बाहर थोड़ा झंझट हो सकता है।
4. सरकारी प्रोत्साहन – कई राज्य EV खरीद पर सब्सिडी, रजिस्ट्रेशन में छूट देते हैं। हाइब्रिड पर भी कभी‑कभी टैक्स रिबेट मिलते हैं। नवीनतम स्कीम्स जांचना फायदेमंद रहेगा।
5. रेंज एंगेजमेंट – आधिकारिक रेंज और वास्तविक रेंज अलग हो सकते हैं। बैटरी की उम्र, एयर कंडीशनिंग, टायर प्रेशर आदि सभी को ध्यान में रखें। टेस्ट ड्राइव में रेंज की फीलिंग देखना आवश्यक है।
6. फ्यूचर‑रेडी – EV की तकनीक तेज़ी से विकसित हो रही है। अगर आप अगले 5‑7 साल में कार बदलने की योजना बना रहे हैं, तो अभी EV लेना एक समझदार निवेश हो सकता है।
सारांश में, अगर आप रोज़ाना छोटे‑मध्यम दूरी पर ड्राइव करते हैं, क्लीन एनवायरनमेंट चाहते हैं और चार्जिंग पॉइंट्स उपलब्ध हैं, तो EV चुनें। अगर लम्बी यात्रा, कम चार्जिंग सुविधा और कम प्री‑ऑर्डर लागत चाहिए, तो हाइब्रिड ठीक रहेगा। दोनों ही विकल्प आपको पेट्रोल खर्च कम करने में मदद करेंगे, बस आपकी जरूरतें और मौजूदा इन्फ्रास्ट्रक्चर तय करेंगे कि कौन सी कार आपके लिए सबसे बेहतर है।
GST 2.0 दर घटने से कारें सस्ती: 22 सितंबर से 45,000 से 10 लाख तक की कटौती, Maruti‑Hyundai‑Tata‑Mahindra पर सीधा असर
सित॰ 9, 2025, के द्वारा प्रकाशित किया गया : अभिराज सिन्धानिया
22 सितंबर 2025 से GST 2.0 लागू होने के साथ छोटी कारों और सब-4 मीटर SUVs पर कर 28% से घटकर 18% हो गया। बड़ी गाड़ियों पर 40% GST लगेगा, लेकिन सेस हटने से कुल टैक्स नीचे आएगा। कई मॉडलों में 45,000 से 10 लाख तक की कमी दिखेगी। हाइब्रिड्स को बड़ी राहत मिली, EV पर 5% GST बरकरार रहा। कंपनियों ने कीमतें घटाने की घोषणा शुरू कर दी है।
