ऑटोमोबाइल टैक्स की पूरी गाइड – कैसे चुकाएँ और बचाएँ

गाड़ी चलाते समय हर साल आपको कुछ टैक्स व फिस देनी पड़ती है, लेकिन अक्सर लोग समझ नहीं पाते कि ये टैक्स किन चीज़ों पर लगते हैं और कहां से भुगतान कर सकते हैं। अगर आप भी अपने वाहन का टैक्स सही समय पर देना चाहते हैं और संभव हो तो थोड़ा बचत भी चाहते हैं, तो पढ़िए ये आसान‑से टिप्स।

ऑटोमोबाइल टैक्स के मुख्य घटक

ऑटो टैक्स एक ही नहीं, बल्कि कई हिस्सों में बांटा गया है। सबसे आम हैं:

1. रोड टैक्स (वित्तीय कर) – यह राज्य सरकार द्वारा लगाया जाता है और वाहन की सेटिंग, इंजन क्षमता और रजिस्ट्री शहर पर निर्भर करता है। कई राज्य अब इसे ऑनलाइन पोर्टल से भरने की सुविधा देते हैं।

2. पंजीकरण शुल्क – नई गाड़ी खरीदते समय या पुराने वाहन को दूसरे नाम पर ट्रांसफर करते समय यह चार्ज होता है। इस शुल्क में हल्का सर्वे/फॉर्म फ़ी और नंबर प्लेट शुल्क शामिल होते हैं।

3. वैट/जीएसटी – अगर आप नई गाड़ी ले रहे हैं तो वैट या जीएसटी का भुगतान अनिवार्य है। पुराने वाहन पर यह नहीं लगता।

4. पर्यावरणीय शुल्क (फ्यूल सर्कुलेशन टैक्स) – कुछ राज्यों में यह फ्यूल इफ़िशिएंसी या एंटी‑पोल्यूशन के लिए लिया जाता है।

इन सभी की सही राशि जानने के लिए अपने राज्य की मोटर वैहिकल विभाग की वेबसाइट पर "टैक्स कैलकुलेटर" इस्तेमाल कर सकते हैं। बस वाहन का मॉडल, रजिस्ट्री नंबर और इंजन सीसी डालें, ठीक‑ठीक आंकड़ा मिल जाएगा।

ऑटो टैक्स बचाने के आसान तरीका

अब बात आती है बचत की। टैक्स में कटौती या छूट के लिए ये उपाय मददगार होते हैं:

1. इलेक्ट्रिक वाहन (EV) छूट – कई राज्य इलेक्ट्रिक कारों पर रोड टैक्स घटाते या पूरी तरह माफ़ कर देते हैं। अगर आप EV में स्विच कर सकते हैं, तो टैक्स खर्च घटेगा और पर्यावरण भी बचेगा।

2. समय पर भुगतान से डिस्काउंट – कुछ राज्य पहले क्वार्टर में पूरा टैक्स देने पर 5% तक की छूट देते हैं। इसलिए देर नहीं करनी चाहिए।

3. सिंगल ओनर डिस्काउंट – एक ही घर में दो या दो से अधिक वाहन रखने वाले मालिकों के लिए कुछ राज्यों में आकर्षक रियायतें मिलती हैं। विभाग की वेबसाइट पर "डिस्काउंट स्कीम्स" चेक करें।

4. ऑनलाइन पेमेंट बोनस – बैंक या राज्य कॉर्पोरेट पोर्टल से ऑनलाइन भुगतान करने पर अतिरिक्त 2% बोनस मिल सकता है। कागज़ी रसीदों के बजाय डिजिटल रसीद रखें, भविष्य में रिफंड या वैरिफ़िकेशन आसान हो जाता है।

5. वैध दस्तावेज़ रखना – इंश्योरेंस, फिटनेस सर्टिफिकेट और पुरानी टैक्स रसीदें हमेशा सुरक्षित रखें। अगर कोई दण्ड या वारंटी क्लेम करना पड़े, तो ये दस्तावेज़ मदद करेंगे।

भुगतान करने के लिए सबसे भरोसेमंद तरीका है राज्य की आधिकारिक पोर्टल (जैसे parivahan.gov.in या अपने राज्य का मोटर वैहिकल विभाग) से लॉग‑इन कर भुगतान करना। आप बैंक के नेट‑बैंकिंग, डेमायर या UPI से भी आसानी से कर सकते हैं। भुगतान के बाद तुरंत टैंक में रसीद डाउनलोड करें और ऐप या ई‑मेल में सेव कर रखें।

यदि आपका टैक्स लटके या देर से भर दिया तो जुर्माना लग सकता है – आमतौर पर 30 दिनों के भीतर 5% और आगे के हर महीने पर अतिरिक्त 2%। इस बात को याद रखें कि देर करके मिलने वाला जुर्माना अक्सर टैक्स बचत से अधिक हो जाता है, इसलिए रिमाइंडर सेट कर लेवें।

संक्षेप में, ऑटोमोबाइल टैक्स को समझना और सही समय पर भुगतान करना बहुत आसान है, बस एक बार ऑनलाइन कैलकुलेटर चलाएँ और आधिकारिक पोर्टल से पेमेंट करें। ऊपर बताये गए छूट और डिस्काउंट को पहचान कर आप सालाना की रकम में काफी बचत कर सकते हैं। याद रखिए, टैक्स का समय पर भुगतान न सिर्फ कानूनी बचाव है, बल्कि आपकी गाड़ी की वैधता भी बनाये रखता है। अब देर न करें, अपनी गाड़ी का टैक्स चेक करें और सेविंग्स का आनंद उठाएँ।

GST 2.0 दर घटने से कारें सस्ती: 22 सितंबर से 45,000 से 10 लाख तक की कटौती, Maruti‑Hyundai‑Tata‑Mahindra पर सीधा असर

सित॰ 9, 2025, के द्वारा प्रकाशित किया गया : अभिराज सिन्धानिया

22 सितंबर 2025 से GST 2.0 लागू होने के साथ छोटी कारों और सब-4 मीटर SUVs पर कर 28% से घटकर 18% हो गया। बड़ी गाड़ियों पर 40% GST लगेगा, लेकिन सेस हटने से कुल टैक्स नीचे आएगा। कई मॉडलों में 45,000 से 10 लाख तक की कमी दिखेगी। हाइब्रिड्स को बड़ी राहत मिली, EV पर 5% GST बरकरार रहा। कंपनियों ने कीमतें घटाने की घोषणा शुरू कर दी है।

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