स्कियाटिका दर्द: कारण, लक्षण और आराम के आसान उपाय

कई लोग कभी न कभी पीठ या नितंब में झुनझुनी महसूस कर चुके हैं। अगर यह झुनझुनी पैर तक फैलती है, तो संभवतः स्कियाटिका दर्द है। ये दर्द अक्सर अचानक नहीं, बल्कि दिन‑दर‑दिन बढ़ता है और रोज़मर्रा की चीज़ों को कठिन बना देता है। चलिए, जानते हैं कि यह क्यों होतa है, क्या संकेत देते हैं और घर पर क्या‑क्या कर सकते हैं।

स्कियाटिका दर्द के आम कारण

सबसे बड़ा कारण है निचली पीठ की हड्डी (लम्बर स्पाइन) में डिस्क का दबाव या चोट। जब डिस्क का जेल जैसा हिस्सा बाहर निकल जाता है, तो सायटिक तंत्रिका पर दबाव पड़ता है। अन्य कारणों में शामिल हैं:

  • गलत बैठने की आदत – लम्बे समय तक झुके हुए या घुटनों के नीचे पैर रख कर बैठना।
  • अधिक वजन – पेट की अतिरिक्त चिकनी शक्ति लंबर क्षेत्र को तनाव देती है।
  • कटने‑कटे जड़ते आकृति वाला व्यायाम – विशेषकर लंबर और हिप की मांसपेशियों को खींचना।
  • ट्रैउमा या चोट – गिरना या भारी वस्तु उठाते समय रीढ़ की चोट।

इन में से एक या दो कारण मिलकर दर्द को तीव्र बना सकते हैं।

लक्षण और कब डॉक्टर देखें

स्कियाटिका दर्द के लक्षण अक्सर स्पष्ट होते हैं:

  • पीठ के निचले हिस्से से नितंब तक तेज़ या झनझनाती चोट।
  • पैर के पीछे या पैर की अंगुली में झनझनाहट, सुन्नता या झटका।
  • बाहर हिलाते समय दर्द बढ़ना, खासकर बेंच पर बैठते या खड़े होते समय।
  • बुधबुध या जलन जैसा अहसास।

अगर दर्द दो हफ़्ते से अधिक रहता है, पैर में शक्ति घटती है, या पेशाब‑मल संबंधी समस्याएँ आती हैं, तो तुरंत डॉक्टर से मिलें। ये संकेत संकेत कर सकते हैं कि तंत्रिका गंभीर रूप से दबी हुई है।

घर पर आसान राहत उपाय

डॉक्टर की सलाह के बाद भी छोटी‑छोटी चीज़ें दर्द कम कर सकती हैं:

  • गर्म/ठंडी पैक: पहले 48 घंटे बर्फ लगाएँ, फिर 20‑30 मिनट गरम पानी की बोतल से आराम दें। यह सूजन कम करता है और मांसपेशियों को ढीला करता है।
  • हल्की स्ट्रेचिंग: घुटने को छाती की ओर लाएँ, या पीठ के नीचे पैर को मोड़कर बैठें (पिरेटेज़ पोज़)। हर स्ट्रेच को 20‑30 सेकंड रखें, दो‑तीन बार दोहराएँ।
  • दर्द निवारक एजेंट: इबुप्रोफ़ेन या पैरासिटामॉल डॉक्टर की सलाह से ले सकते हैं।
  • पेशियों को मजबूत करें: पीठ और एब्डॉमिनल मसल्स को धीरे‑धीरे बेंड‑अप और प्लैंक्स से सुदृढ़ करें। यह भविष्य में पुनरावृत्ति से बचाता है।
  • आसन सुधारें: बैठते समय कुर्सी को लंबर सपोर्ट दें, लंबर कुशन इस्तेमाल करें और मोबाइल या लैपटॉप को आँखों के स्तर पर रखें।

इन उपायों को लगातार 2‑3 हफ़्ते तक अपनाएँ, दर्द में noticeable कमी देख सकते हैं।

कब इलाज की ज़रूरत है

यदि घरेलू उपाय काम नहीं करते या दर्द बहुत तेज़ है, तो फिज़ियोथेरेपी, एनाल्जेसिक इंजेक्शन या यहाँ तक कि सर्जरी की सलाह ली जा सकती है। फिज़ियोथेरेपिस्ट मसल‑टेंसन को रोकने के लिए पेरफोरेटेड पैडिंग या मैन्युअल थेरेपी कर सकता है।

आख़िर में, स्कियाटिका दर्द को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। सही जानकारी, समय पर जांच और छोटे‑छोटे जीवन‑शैली बदलाव से दर्द को नियंत्रित किया जा सकता है और फिर से पूरी ऊर्जा के साथ चलना‑फिरना संभव हो जाता है।

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